श्रमिक कार्ड धारकों के बच्चों के लिए बड़ी खुशखबरी
सरकार द्वारा श्रमिक परिवारों के बच्चों को शिक्षा में सहायता देने के लिए एक खास योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत लेबर कार्ड धारकों के बच्चों को ₹25,000 रुपए तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य गरीब और मेहनतकश परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि आर्थिक परेशानी उनके भविष्य में बाधा न बने।
योजना का मुख्य उद्देश्य
लेबर कार्ड छात्रवृत्ति योजना (Labour Card Scholarship) का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी श्रमिक परिवार का प्रतिभाशाली बच्चा केवल पैसों की कमी के कारण अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़े। सरकार चाहती है कि मजदूर वर्ग भी अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाकर समाज में सम्मानजनक जीवन जियें।
छात्रवृत्ति की राशि
इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली राशि बच्चे की शिक्षा स्तर पर निर्भर करती है। सामान्यत:
- 9वीं से 12वीं तक के छात्र को ₹10,000 रुपए तक
- डिप्लोमा या स्नातक करने वाले छात्रों को ₹20,000 रुपए तक
- इंजीनियरिंग, मेडिकल या प्रोफेशनल कोर्स करने वाले छात्रों को ₹25,000 रुपए तक की छात्रवृत्ति दी जाती है।
पात्रता मानदंड
छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- आवेदक का माता-पिता श्रम विभाग में पंजीकृत लेबर कार्डधारी होना चाहिए।
- छात्र भारत का नागरिक होना चाहिए और किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में अध्ययनरत हो।
- परिवार की वार्षिक आय निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- केवल दो बच्चों को एक परिवार से इस योजना का लाभ दिया जा सकता है।
आवेदन प्रक्रिया: ऐसे भरें फॉर्म
- सबसे पहले श्रम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- होम पेज पर “Labour Card Scholarship” या “श्रमिक छात्रवृत्ति योजना” विकल्प पर क्लिक करें।
- आवेदन फॉर्म में अपनी व्यक्तिगत, शैक्षणिक और बैंक से जुड़ी जानकारी भरें।
- आवश्यक दस्तावेज जैसे लेबर कार्ड, आधार कार्ड, अंकपत्र और बैंक पासबुक अपलोड करें।
- विवरण सही भरने के बाद आवेदन सबमिट करें और भविष्य के लिए आवेदन संख्या नोट कर लें।
आवश्यक दस्तावेज
- श्रमिक कार्ड की फोटोकॉपी
- छात्र का आधार कार्ड
- शैक्षणिक प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक पासबुक की कॉपी
लेबर कार्ड छात्रवृत्ति योजना उन लाखों श्रमिक परिवारों के लिए आशा की किरण है जो चाहते हैं कि उनके बच्चे बेहतर शिक्षा हासिल करें। सरकार की यह पहल न केवल शिक्षा को बढ़ावा देगी बल्कि समाज में समान अवसरों का रास्ता भी खोलेगी।