सरकार ने बदले रिटायरमेंट नियम
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। नई गाइडलाइंस के तहत अब कर्मचारी 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद रिटायरमेंट के लिए आवेदन कर सकते हैं। पहले यह अवधि 30 साल या 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर ही संभव थी। इस फैसले को कर्मचारियों को अधिक लचीलापन देने और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
20 साल की सेवा के बाद VRS का विकल्प
नई गाइडलाइंस के अनुसार, जो कर्मचारी 20 वर्ष की निरंतर सेवा पूरी कर चुका है, वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए लिखित आवेदन दे सकता है। संबंधित विभाग प्रमुख द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद कर्मचारी को पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य रिटायरमेंट लाभ प्राप्त होंगे। यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह स्वैच्छिक रहेगी और किसी कर्मचारी को मजबूर नहीं किया जाएगा।
युवाओं को मिलेगा मौका
इस नीति परिवर्तन का एक बड़ा उद्देश्य प्रशासनिक सेवा में नई ऊर्जा लाना है। जो कर्मचारी समय से पहले रिटायरमेंट चुनते हैं, उनके स्थान पर युवा उम्मीदवारों की नियुक्ति की जा सकेगी। इससे सरकारी कार्यप्रणाली में नया जोश और नवाचार बढ़ेगा। साथ ही, अनुभवी और युवा अधिकारियों का संतुलित संयोजन सेवा गुणवत्ता को और बेहतर करेगा।
सभी लाभ रहेंगे मान्य
सरकार ने स्पष्ट किया है कि VRS लेने वाले कर्मचारियों को सभी वैधानिक लाभ जैसे पेंशन, भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, और अवकाश नकदीकरण का अधिकार मिलेगा। हालांकि, यह सुविधा केवल उन्हीं कर्मचारियों को दी जाएगी जिन पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित नहीं है। यदि किसी पर जांच चल रही है, तो विभाग को आवेदन अस्वीकार करने का अधिकार होगा।
कर्मचारियों को राहत और नई दिशा
सरकार का यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए राहत की तरह है जो परिवार, स्वास्थ्य या व्यक्तिगत कारणों से जल्दी सेवानिवृत्ति लेना चाहते हैं। इससे कर्मचारियों को जीवन की नई दिशा चुनने की स्वतंत्रता मिलेगी और सरकारी सेवा में लचीलापन बढ़ेगा। साथ ही, यह नीति युवा पीढ़ी के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोलेगी।